BJP की दूसरी लिस्ट: जाट, गुर्जर और पूर्वांचली वोटरों को साधने की रणनीति

एनपीटी दिल्ली
बीजेपी की रणनीति: जाट, गुर्जर और पूर्वांचली वोट बैंक पर फोकस
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है, जिसमें 29 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस सूची में जाट, गुर्जर और पूर्वांचली मतदाताओं को साधने का खास प्रयास किया गया है। बीजेपी ने इस बार जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों पर गहरी नजर रखते हुए टिकट वितरण किया है।
जाट वोट बैंक पर ध्यान
बीजेपी ने नरेला, तिमारपुर, मुंडका, पालम, मटियाला और नजफगढ़ सीटों पर जाट नेताओं को मैदान में उतारा है। ये क्षेत्र जाट मतदाताओं का मजबूत गढ़ माने जाते हैं। अरविंद केजरीवाल द्वारा जाट आरक्षण के मुद्दे को उछाले जाने के बाद बीजेपी ने इन सीटों पर विशेष ध्यान देकर जाट समुदाय को अपने पक्ष में लाने की कोशिश की है।
गुर्जर नेताओं को भी दिया मौका
गुर्जर समुदाय को साधने के लिए बीजेपी ने कस्तूरबा नगर, तुगलकाबाद और ओखला सीटों से गुर्जर नेताओं को टिकट दिया है। ये क्षेत्र गुर्जर मतदाताओं की बहुलता वाले इलाके माने जाते हैं।
पूर्वांचली मतदाताओं पर बड़ा दांव
दिल्ली के पूर्वांचली मतदाताओं को साधने के लिए बीजेपी ने कपिल मिश्रा, अनिल गौड़, बजरंग शुक्ला और अभय वर्मा जैसे पूर्वाचली नेताओं को मैदान में उतारा है। बीजेपी का यह कदम पूर्वांचलियों की बढ़ती संख्या और उनकी चुनावी अहमियत को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
अनुभव और युवाओं का संतुलन
इस सूची में बीजेपी ने अनुभव और युवाओं का संतुलन बनाए रखने की कोशिश की है। अनुभवी नेताओं में हरीश खुराना, प्रद्युम्न राजपूत, पवन शर्मा और कमल बागड़ी शामिल हैं। वहीं, युवा नेताओं के तौर पर नीलम पहलवान और अनिल गौड़ जैसे नए चेहरों को मौका दिया गया है।
कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं पर भरोसा
बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं को भी टिकट देकर उनमें भरोसा जताया है। कस्तूरबा नगर सीट से नीरज बैसोया को उम्मीदवार बनाया गया है, जो हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे।
बीजेपी की दूसरी सूची में शामिल प्रमुख नाम
- करावल नगर: कपिल मिश्रा
- मोती नगर: हरीश खुराना
- मुंडका: गजेन्द्र दराल
- नजफगढ़: नीलम पहलवान
- किराड़ी: बजरंग शुक्ला
- कस्तूरबा नगर: नीरज बैसोया
- तुगलकाबाद: रोहतास बिधूड़ी
- ओखला: मनीष चौधरी
- लक्ष्मी नगर: अभय वर्मा
स्थानीय सर्वे के आधार पर लिया गया फैसला
सूची को फाइनल करने से पहले बीजेपी ने स्थानीय सर्वे और उम्मीदवारों की लोकप्रियता पर मंथन किया। पार्टी ने स्थानीय मुद्दों और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर उम्मीदवारों का चयन किया है। इस रणनीति से बीजेपी ने आगामी चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने का संकेत दिया है।