संदीप दीक्षित ने नई दिल्ली से चुनाव लड़ने के पीछे बताईं दो खास वजहें

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार का मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित को नई दिल्ली विधानसभा सीट से उतारा है। संदीप दीक्षित पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं और केजरीवाल ने उनकी मां को दो बार चुनावी मैदान में हराया था। ऐसे में यह मुकाबला राजनीतिक दुश्मनी से भी जुड़ा हुआ माना जा रहा है।
क्यों चुनी गई नई दिल्ली सीट?
संदीप दीक्षित ने “दि प्रिंट” को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि नई दिल्ली विधानसभा सीट से उनका पुराना जुड़ाव रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी मां शीला दीक्षित ने इस सीट से दो बार चुनाव लड़ा था। उन चुनावों के दौरान वे अपनी मां के साथ क्षेत्र में काम करते रहे, लोगों से संपर्क बनाते रहे और चुनावी रणनीति तैयार करने में मदद करते रहे।
हालांकि, 2004 में पूर्वी दिल्ली से सांसद बनने के बाद उनका फोकस उस इलाके पर शिफ्ट हो गया। 2014 में हारने के बाद वे उस क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहे, लेकिन नई दिल्ली सीट से उनका भावनात्मक लगाव अब भी बना हुआ है। कांग्रेस पार्टी का भी मानना था कि इस सीट से संदीप दीक्षित को मैदान में उतारना बेहतर रहेगा।
अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुखर रहे हैं
नई दिल्ली से चुनाव लड़ने का दूसरा कारण संदीप दीक्षित ने यह बताया कि वे पिछले एक दशक से अरविंद केजरीवाल की नीतियों और सरकार चलाने के तरीकों की आलोचना करते रहे हैं। वे हमेशा तथ्यों के आधार पर केजरीवाल सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं। कांग्रेस को लगता है कि उनकी उम्मीदवारी केजरीवाल के खिलाफ मजबूत चुनौती पेश कर सकती है।
नई दिल्ली सीट का राजनीतिक महत्व
नई दिल्ली विधानसभा सीट न केवल राजनीतिक रूप से, बल्कि प्रतीकात्मक रूप से भी बेहद अहम है। यह सीट वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का गढ़ रही है। यहां से कांग्रेस द्वारा संदीप दीक्षित को उतारना स्पष्ट संकेत है कि पार्टी इस बार केजरीवाल को कड़ी चुनौती देने के मूड में है।
इस चुनाव में संदीप दीक्षित के मैदान में उतरने से ना केवल मुकाबला दिलचस्प होगा, बल्कि यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि कांग्रेस इस मुकाबले में कितनी मजबूती से उभर पाती है।