लक्ष्मी नगर विधानसभा: अभय वर्मा का केजरीवाल सरकार पर तीखा हमला

एनपीटी लक्ष्मी नगर ब्यूरो
लक्ष्मी नगर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार अभय वर्मा ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद मीडिया से बातचीत में केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा। अभय वर्मा ने कहा कि जब से अरविंद केजरीवाल दिल्ली की सत्ता में आए हैं, राजधानी देश की सबसे प्रदूषित और बदहाल राजधानी बन गई है। उन्होंने कहा, “दिल्ली आज दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। यमुना नदी की हालत बद से बदतर हो गई है। दिल्ली के लोग साफ पानी तक के लिए तरस रहे हैं, सड़कों और गलियों की हालत दयनीय है, और जगह-जगह सीवर जाम पड़े हैं।”
बीजेपी सरकार बनने पर वादे
अभय वर्मा ने वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनी तो वह दिल्ली के नागरिकों को सुबह 4 घंटे और शाम को 2 घंटे के लिए साफ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश से पानी खरीदने की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने सीवर लाइन की समस्याओं को दूर करने के लिए मास्टर प्लान बनाने और उसे ज़मीन पर लागू करने की बात कही।
उन्होंने यमुना नदी को साफ करने का वादा किया, ताकि पूर्वांचल समाज के लोग उल्लास के साथ छठ महापर्व मना सकें। उन्होंने दिल्ली को दुनिया का सबसे सुंदर और स्वच्छ शहर बनाने का लक्ष्य रखा।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर हमला
शिक्षा के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार की आलोचना करते हुए वर्मा ने कहा, “सरकार केवल शिक्षा का ढिंढोरा पीट रही है। वास्तविकता यह है कि स्कूलों में ड्रॉपआउट रेट बढ़ा है। पासिंग प्रतिशत दिखाने के लिए कमजोर छात्रों को ओपन स्कूल में भेज दिया जाता है। 2012-2013 में जितने छात्र परीक्षाओं में बैठते थे, अब उससे कम संख्या में छात्र परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।”
स्वास्थ्य सेवाओं पर निशाना साधते हुए वर्मा ने कहा, “कोविड के समय दिल्ली सरकार अस्पतालों में ऑक्सीजन तक उपलब्ध नहीं करा पाई। वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बेहद धीमी रही। नकली दवाओं के जाल ने दिल्ली के स्वास्थ्य तंत्र की पोल खोल दी है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में न तो पर्याप्त बेड हैं, न ही अच्छे उपकरण, डॉक्टर या नर्स। मोहल्ला क्लीनिक में कुत्ते और बिल्लियां घूमते हैं।”
भ्रष्टाचार के आरोप
वर्मा ने दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “हर विभाग में केवल भ्रष्टाचार हो रहा है। जनता के नाम पर केवल झूठे दावे किए जा रहे हैं।”
उन्होंने वृद्धा पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर भी सवाल खड़े किए।